धनबाद रेल मंडल का अतिक्रमण हटाओ अभियान, एक पखवाड़े में 700 दुकान व मकान तोड़ दिए

 गोमो (Gomo) में अतिक्रमण (Removing encroachment) हटाओ अभियान के तहत महज एक पखवाड़े में 700 दुकान व मकान तोड़ दिए गए. बिना पुनर्वास की व्यवस्था (Rehabilitation) किए दुकान तोड़े जाने से नाराज व्यवसायियों ने रेलवे के खिलाफ आंदोलन (Agitation against railway) करने की घोषणा की है. पीड़ितों ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren), धनबाद डीआरएम सहित विधायक और सांसद से रोते बिलखते हुए कहा- साहब हमारी रोजी रोटी बचा लीजिए. रोजी रोटी की चिंता में घर के पुरुष व महिलाओं के रातों की नींद उड़ गई है. बताया जाता है कि 10 दिन पहले ही इन्हें घर व जमीन खाली करने की नोटिस दी गई और फिर बिना वैकल्पिक पुनर्वास की व्यवस्था किए, इन सभी को आरपीएफ के सहयोग से जबरन हटा दिया गया.

अतिक्रमण हटाओ अभियान की वजह से 5 हजार परिवार सड़क पर

धनबाद जैसे औद्योगिक शहर में एक तरफ जहां लोग बेरोजगारी व पलायन की समस्या से लोग जूझ रहे हैं, वहीं धनबाद रेल मंडल ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गोमो स्टेशन के पास करीब 01 किलोमीटर के दायरे में करीब 700 दुकान व मकान तोड़ दिए. जिस सदानंद झा मार्केट व जगजीवन नगर मार्केट को 74 साल पहले खुद रेलवे प्रबंधन ने बसाया और वर्ष 2017 तक उन दुकानदारों से लीज के शर्त के अनुसार भाड़ा वसूला, अब उन्हीं दुकानदारों को अवैध अतिक्रमणकारी बताकर उनके दुकानों पर जेसीबी व बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया जा रहा है. अतिक्रमण हटाओ अभियान की वजह से 5 हजार परिवार सड़क पर आ गया है. किसी के सिर से आशियाना उजड़ गया है तो कोई मासूम अपने टूटे हुए घर में स्कूल की कलम-कॉपी व बस्ता ढूंढ रहा है.